उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, सचिव और सलाहकार ने मिलकर किया 1.5 करोड़ का घोटाला ..
मुख्यमंत्री के नजदीकी मेहरबान सिंह बिष्ट ने अपनी नजदीकियों का फायदा उठाते हुए मुख्यमंत्री के ही औद्योगिक सलाहकार केएस पंवार को डेढ करोड रुपए का विज्ञापन जारी किया है। महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि बिना मुख्यमंत्री तथा विभागीय मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस घोटाले में शामिल हैं। बिना उनके हस्ताक्षरों के यह विज्ञापन जारी हो ही नहीं सकता। जाहिर है कि इस खेल में त्रिवेंद्र सिंह रावत, उनके सलाहकार केएस पंवार, और मेहरबान सिंह बिष्ट तीनों शामिल हैं।
केएस पंवार मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार हैं और उनका फ्रेंचाइजी लिया हुआ एक नया नवेला चैनल “एपीएन” न्यूज़ है।
केएस पंवार की फ्रेंचाइजी शिप में एपीएन न्यूज़ 4-5 महीने पहले ही शुरू हुआ है। ना इस चैनल के बारे में कोई प्रदेश में जानता है और न अधिकांश जगहों पर दिखता है।
चैनल टीआरपी में भी कहीं नहीं है। कितने जिलों में यह चैनल चल रहा है इसकी भी कोई खबर नहीं। लेकिन मेहरबान सिंह बिष्ट ने इस चैनल को पहली किस्त के रूप में ₹72लाख का विज्ञापन जारी कर दिया है।
यह विज्ञापन सिर्फ इसलिए जारी किया गया है, क्योंकि केएस पंवार मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार हैं और केएस पंवार के साथ मेहरबान सिंह बिष्ट की गहरी संलिप्तता है।
गौरतलब है कि राज्य में 4 बड़े चैनल न्यूज़ स्टेट, एबीपी गंगा, न्यूज़ news18 इंडिया/ उत्तराखंड और जी न्यूज़ जैसे चैनल, जिनकी उत्तराखंड के हर घर में पहुंच है, इन चैनलों को दरकिनार कर दिया गया।
जबकि मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार के चैनल को 72 लाख रुपए जारी किए गए।
जब महानिदेशक सूचना और औद्योगिक सलाहकार मुख्यमंत्री से मिलकर सूचना विभाग का बजट खुद ही उड़ा जाएंगे तो फिर जीरो टोलरेंस कहां रह गया !
यदि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपने औद्योगिक सलाहकार तथा सूचना महानिदेशक के साथ मिलकर यही खेल खेलना है तो फिर जीरो टोलरेंस का राग गाना छोड़ देना चाहिए।
मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार केएस पंवार के एपीएन चैनल को 72लाख रुपए दिया जाना क्या “काॅनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट” की श्रेणी में नहीं आता है ! इसका जवाब जीरो टोलरेंस का ढोल पीटने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को देर सवेर देना ही होगा नहीं तो उनसे वक्त अपना जवाब खुद मांग लेगा।
नियम कायदों का अड़ंगा लगाने वाले सूचना विभाग के अफसरों को भी इस बात का जवाब देना होगा कि मुख्यमंत्री के सलाहकार केएस पंवार के साथ मुख्यमंत्री के अपर सचिव तथा सूचना महानिदेशक मेहरबान सिंह की मिलीभगत के समय उनके नियम कायदे कहां चले जाते हैं !