बदरीनाथ में पेड़ नहीं उगते पर , आजकल वहां पंचमुखी देवदार बना चमत्कार का केंद्र !
बदरीनाथ में पेड़ नहीं उगते, यानी बदरीनाथ को वृक्ष विहीन भी कहा जाता है। लेकिन अब यहां पंचमुखी देवदार का वृक्ष आस्था का केंद्र बना हुआ है। पांच शाखाओं वाला देवदार का ये वृक्ष सभी का ध्यान अपनी तरफ खींच रहा है। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने इस वृक्ष की पौराणिकता को सामने लाने की कोशिश की है, जो कि रंग ला रही है। इस वृक्ष के दीदार को रोजाना बड़ी तादाद में यात्री पहुंच रहे हैं। ये वृक्ष बदरीनाथ धाम में बस स्टैंड के पास नर पर्वत पर खड़ा है। आम तौर पर देखने को मिलता है कि देवदार के पेड़ एक ही शाखा वाले होते हैं। हैरानी की बात तो ये है कि इस वृक्ष में पांच शाखाएं हैं। जमीन से इसकी सिर्फ एक ही शाखा हैं। लेकिन दो फीट के बाद दो शाखाएं निकली हैं। इनमें से एक शाखा से 3 और दूसरी से 2 शाखाएं फूटी हैं, जो इस वृक्ष को अलग ही स्वरूप दे रही हैं।
मंदिर समिति ने इसके पंचमुखी स्वरूप को प्रचारित किया। ये ही वो वह है कि बदरीनाथ धाम में आने वाले लोग इस वृक्ष को देखे बिना वापस नहीं जाते। जिस रास्ते पर ये वृक्ष है, उसी रास्ते से पांडव स्वर्गारोहिणी यात्रा पर गए थे। मंदिर समिति का कहना है कि इस पेड़ को लेकर कई शोध किए गए हैं। तब पता चला कि देवदार के वृक्ष ऐसा आकार कभी भी नहीं ले सकते। मंदिर समिति का तर्क है कि वृक्ष की मुख्य शाखा पांडवों के पिता पांडु को दर्शाती है। इसके अलावा दो शाखाएं कुंती और माद्री की प्रतीक हैं। कुंती वाली शाखा से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन के रूप में तीन शाखाएं निकली हैं। वहीं माद्री वाली शाखा से नकुल और सहदेव के रूप में दो शाखाएं फूट रही हैं। बदरीनाथ में आपको कई ऐसी बातें दिखेंगी, जो साबित भी करती हैं कि पौराणिक काल से इस जगह का क्या महत्व रहा है।
यहां आपको भीम पुल भी मिलेगा। ये पुल देश के अंतिम गांव माणा में सरस्वती नदी पर विशालकाय शिला से बना है। इसके साथ ही आपको यहां सतोपंथ झील के भी दर्शन होते हैं। इसी रास्ते धर्मराज युधिष्ठिर ने शरीर स्वर्ग के लिए प्रस्थान किया था। यहां उगे पंचमुखी देवदार के लिए मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने कहा है कि उन्हें ऐसे देवदार के वृक्ष देखने को नहीं मिले। इसके साथ ही बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल का कहना है कि ये वृक्ष पांडवों के इतिहास को प्रदर्शित कर रहा है। शास्त्रों में भी देवदार के वृक्ष को देववृक्ष कहा गया है। जाहिर सी बात है कि जिस बदरीनाथ धाम में वृक्ष ना के बराबर हैं, ऐसे में देवदार का ये पंचमुखी वृक्ष सभी के लिए आश्चर्य का सबब बन गया है।