झुग्गी में रहने वाला निकला 200 करोड़ की कंपनी का मालिक ,पोलिस पहुंची पकड़ने

 इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 की संजय कॉलोनी में झुग्गी नंबर-412 में रहने वाले विकास को बुधवार से पहले पता नहीं था कि उसके बैंक अकाउंट में 200 करोड़ से ज्यादा जमा हैं। इसका पता तो उसे बुधवार को तब चला जब चिट फंड के नाम पर 200 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी में छत्तीसगढ़ पुलिस ने उसे गिरफ्तार करना चाहा। दरअसल विकास और उसका भाई विनय शिकार हुए पंचकूला की वीएनसी कंपनी के मालिक बलजीत संधू की साजिश के। संधू ने इनके दस्तावेजों में फर्जीबाड़ा कर इन्हें कंपनी का डायरेक्टर दिखा दिया और चिट फंड के नाम पर विभिन्न राज्यों के लोगों से 200 करोड़ की धोखाधड़ी की।दोनों भाइयों को खबर तक नहीं…

-छत्तीसगढ़ पुलिस के पास दर्ज केस में विकास और विनय मुख्य आरोपी हैं,जबकि संधू को-एक्यूस्ड।
-हकीकत में विकास संधू की कंपनी में सेल्समैन था और विनय ने कंपनी में ड्राइवर बनने के लिए एप्लाई किया था। वीएनसी कंपनी बॉडी बिल्डिंग के लिए फूड सप्लीमेंट्स बेचती है। दोनों भाइयों को इल्म तक नहीं था कि इसका मालिक संधू चिट फंड के नाम पर कई राज्यों के लोगों को ठग चुका है। अब संधू फरार है और पुलिस इन दोनों भाइयों से पूछताछ कर रही है।
देश के विभिन्न राज्यों में चिट फंड के नाम पर लोगों को ठगा
-इंडस्ट्रियल एरिया थाने के एसएचओ देवेंद्र सिंह ने बताया कि वीएनसी कंपनी,पंचकूला ने देश के कई राज्यों के लोगों को चिट फंड के नाम पर ठगा है। उनसे पैसे लेकर संधू फरार है। यह रकम 200 करोड़ से ज्यादा है। कुछ महीने पहले मध्यप्रदेश पुलिस का सीआईए विंग यहां जांच करने आया था। बुधवार को छत्तीसगढ़ पुलिस भी जांच करने पहुंची। छत्तीसगढ़ पुलिस ने संजय कॉलोनी की झुग्गियों में रहने वाले दोनों भाई विकास और विनय से पूछताछ की है।
झुग्गी के पते को बदल कर लिख दिया इंडस्ट्रियल एरिया का पता
-छत्तीसगढ़ पुलिस की बिलासपुर से आई टीम के इंचार्ज लंबोदर सिंह ठाकुर ने बताया कि कागजों में विकास और उसके भाई विनय को डायरेक्टर दिखाया गया है।
-पुलिस के पास इन दोनों का जो पता है उसमें 412 इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 दिखाया गया है,जबकि इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 में ऐसा कोई नंबर नहीं है। यह एक झुग्गी का नंबर है।
-दस्तावेजों में संजय कॉलोनी ही लिखा गया था,जिसमें छेड़छाड़ करके फेज-1 कर दिया गया,ताकि कंपनी के डायरेक्टर्स के स्टेटस पर किसी को शक न हो।
सेल्समैन के अकाउंट में डाले 200 करोड़,खुद करता था ऑपरेट
-विकास पंचकूला सेक्टर-9 के शोरूम नंबर 346 में कंपनी वीएनसी में बतौर सेल्समैन लगने के लिए गया था। उसे कंपनी ने सेल्समैन अपॉइन्ट कर लिया। विकास ने इस कंपनी में 25 अक्टूबर 2014 तक काम किया। कंपनी ने उससे रेजिडेंस प्रूफ के तौर पर दस्तावेज लिए थे। 
-वह पंचकूला के जिम्स में प्रोडक्ट बेचने जाता था। उसके पास कंपनी के पैसे होते थे,इसलिए संधू ने उससे रेजिडेंस प्रूफ जमा कराया था। विकास को न यह पता था कि कंपनी चिट फंड के नाम पर लोगों को ठग रही है और न यह जानकारी थी कि उसके डॉक्यूमेंट किस मकसद से लिए गए हैं।
-कंपनी मालिक संधू ने विकास के डॉक्यूमेंट्स से छेड़छाड़ कर उसे कंपनी का डायरेक्टर दिखा दिया। फिर उसके नाम पर अकाउंट खोलकर उसमें 200 करोड़ से ज्यादा रकम डाल दी। यह अकाउंट संधू खुद आॅपरेट करता था। इसके बाद वह धीरे-धीरे यह रकम निकलवा कर फरार हो गया।
-विकास ने बताया कि उसके भाई विनय ने भी इस कंपनी में ड्राइवर की नौकरी के लिए एप्लाई किया था। उसका इंटरव्यू हुआ लेकिन नौकरी नहीं दी गई। एप्लाई करने के लिए जो दस्तावेज कंपनी में जमा कराए थे उनका मिसयूज करके विनय को भी कंपनी का डायरेक्टर दिखा दिया। विनय का कहना है कि वह तब हैरान हुए जब पुलिस ने 200 करोड़ की ठगी में पूछताछ शुरू की।

 

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