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अगर आप ने भी किया है बीएड या करने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपको पड़नी चाहिए……

12वीं के बाद चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रमों के नियम राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने जारी कर दिए हैं। एनसीटीई ने दो नए कोर्स शुरू किए थे। इन कोर्सेज की पहली अधिसूचना को सरकार ने संशोधित कर दिया है।

अभी तक प्री प्राइमरी से प्राइमरी स्तर से शिक्षण के लिए डीएलएड जरूरी था। अपर प्राइमरी से सेकेंडरी स्तर तक शिक्षण के लिए बीएड करना अनिवार्य था। इस बीच एनसीटीई ने चार वर्षीय इंटिग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) शुरू करने का एलान किया था। इसकी अधिसूचना जारी करते हुए एनसीटीई ने मान्यता के आवेदन भी मांग लिए थे। इस बीच किसी वजह से प्रक्रिया रोक दी गई थी।

अब सरकार ने एक्ट में संशोधन करते हुए अधिसूचना जारी की है। एक आईटीईपी प्री प्राइमरी से प्राइमरी स्तर तक पढ़ाने के लिए होगा जबकि दूसरा आईटीईपी कोर्स अपर प्राइमरी से सेकेंडरी स्तर तक पढ़ाने के लिए होगा। दोनों ही पाठ्यक्रमों की अवधि चार वर्ष की होगी और इनमें 12वीं के बाद दाखिला मिलेगा। इन पाठ्यक्रमों के लिए ग्रेजुएशन की जरूरत नहीं होगी।

प्रत्येक कॉलेज में मिलेंगी 50 सीटें
एनसीटीई की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक आईटीईपी के लिए एक यूनिट 50 सीटों की होगी। बीएड-एमएड वाले संस्थान को इस कोर्स के लिए 500 वर्ग मीटर भूमि और 400 वर्ग मीटर बिल्डिंग तैयार करनी होगी। किसी नए संस्थान को यह कोर्स संचालित करने के लिए बीए, बीएससी, बीकॉम जैसे कोर्स के साथ यह कोर्स मिलेगा।


इसके लिए उन्हें कम से कम 3000 वर्ग मीटर भूमि खरीदनी होगी। यह मानक केवल 50 सीटों के लिए है। एक कॉलेज इससे अधिक सीटें भी ले सकता है, जिसके हिसाब से भूमि और इमारत की सीमा बढ़ जाएगी।

12वीं में 50 प्रतिशत अंक जरूरी
आईटीईपी में दाखिले के लिए छात्र के 12वीं में 50 प्रतिशत अंकों के आधार पर दाखिला मिलेगा। आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए यह क्राइटेरिया कम होगा। छात्र को यह कोर्स अधिकतम छह वर्ष में पूरा करना होगा।

 

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