दूरस्थ शिक्षा पद्धति (ओडीएल) में नित नए आयाम स्थापित कर रहा इग्नू अब बड़े बदलाव की तैयारी में हैं।

इसकी शुरुआत स्नातकोत्तर, पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की अवधि घटाने के साथ हो गई है। इसके अलावा जून 2021 सत्र के बाद से छात्रों को एक्सटेंशन भी नहीं मिलेगा। इसके लिए रि-एडमिशन प्रणाली को समाप्त करने की योजना बनाई जा रही है।

पाठ्यक्रम की अवधि में कटौती:
इग्नू ने स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रमों की अवधि चार, डिप्लोमा/पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम की अवधि अधिकतम तीन साल निर्धारित कर दी है। यानी कि एमए, एमएससी, एमकाम अब पांच से घटाकर चार साल का होगा। इसके अलावा डिप्लोमा के सभी पाठ्यक्रम अब अधिकतम तीन साल के होंगे।

नहीं मिलेगा एक्सटेंशन:
इग्नू द्वारा अब तक स्नातकोत्तर, डिप्लोमा पाठ्यक्रम व सर्टिफिकेट कोर्स में अधिकतम अवधि के बाद भी एक्सटेंशन का लाभ दिया जाता है। यानी कि यदि कोई विद्यार्थी पाठ्यक्रम की अधिकतम अवधि तक कक्षा उत्तीर्ण न कर सका तो उसे रि-एडमिशन दिया जाता था। स्नातकोत्तर में दो साल, डिप्लोमा में एक साल व सर्टिफिकेट कोर्स में छह माह का एक्सटेंशन दिया जाता है। लेकिन अब इस प्रणाली को भी समाप्त करने पर विचार किया जा रहा है। इग्नू के अधिकारियों की मानें तो रि-एडमिशन प्रणाली का लाभ जून 2021 सत्र से समाप्त कर दिया जाएगा।

ऐसे समझें:
कक्षा न्यूनतम अवधि अधिकतम अवधि नई अधिकतम अवधि

स्नातकोत्तर दो साल पांच साल चार साल

डिप्लोमा / पीजी डिप्लोमा एक साल 2, 3, 4 साल तीन साल

सर्टिफिकेट छह माह दो साल दो साल

पाठ्यक्रमों की अधिकतम अवधि में कटौती की गई है:
क्षेत्रीय निदेशालय देहरादून की क्षेत्रीय सहायक निदेशक डा. जगदंबा प्रसाद ने बताया कि दूरस्थ शिक्षा की बेहतरी के लिए स्नातकोत्तर और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की अधिकतम अवधि में कटौती की गई है। इसके अलावा रि-एडमिशन प्रणाली को भी समाप्त करने पर विचार किया जा रहा है।

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