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हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में चरणबद्ध ढंग से शराबबंदी लागू करने के लिए छह माह के भीतर नीति बनाने के निर्देश दिए हैं।

हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में चरणबद्ध ढंग से शराबबंदी लागू करने के लिए छह माह के भीतर नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही शराब की दुकानों के सामने सीसीटीवी कैमरे लगाने व २१ वर्ष से कम आयु के युवाओं को शराब खरीदने पर प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने सरकार के आबकारी अधिनियम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक तरफ इस अधिनियम में मद्यनिषेध को प्रोत्साहित करने का प्रावधान है तो दूसरी ओर सरकार लगातार दुकानों की संख्या बढ़ाकर इस कारोबार बढ़ावा दे रही है ।

बागेश्वर जिले के गरुड़ निवासी अधिवक्ता डीके जोशी ने राज्य में शराबबंदी को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी । गुरुवार को इस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व आलोक वर्मा की खंडपीठ ने राज्य में चरणबद्ध ढंग से शराबबंदी लागू करने के लिए नीति बनाने के निर्देश दिए । याचिका में  राज्य सरकार को यूपी आबकारी अधिनियम १९१० की धारा ३७अ के अनुपालन में शराब बंदी करने  के लिए दिशानिर्देश जारी करने और शराब के कारोबार से राज्य को हो रहे नुकसान का आंकलन कर उचित कदम उठाने के लिए राज्य सरकार को आदेशित किये जाने के लिए प्रार्थना की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि पहाड़ी प्रदेश को सबसे ज्यादा बर्बाद करने वाली शराब पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए ।

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