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दिल्ली और आसपास के इलाकों में समय-समय पर आ रहे भूकंपों को लेकर वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिक अध्ययन करने में जुट गए हैं।

विशेषज्ञों की टीम मैग्नेटोटेलोरिक जैसे उपकरणों की मदद से जानकारियां जुटा रही है। 

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ. कलाचंद साईं ने बताया कि वैज्ञानिकों की टीम मैग्नेटोटेलोरिक व रिक्टर स्केल जैसे उपकरणों की मदद से जानकारियां जुटा रही है।
डॉ. साईं के अनुसार, वैसे तो नई दिल्ली व आसपास के इलाकों में रिक्टर स्केल पर सात से लेकर 10 तीव्रता वाले भूकंप की संभावना बहुत कम है, लेकिन यदि भविष्य में नई दिल्ली व आसपास के इलाकों में छह रिक्टर स्केल वाले भूकंप भी भारी तबाही का कारण बन सकते हैं।

इन इलाकों में भूकंप कब आएंगे? इसकी सटीक भविष्यवाणी संभव नहीं है, लेकिन खतरे के प्रति केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार के साथ आमजन को भी जागरूक होना होगा। इसके लिए देश में भूकंपरोधी तकनीक पर आधारित आवासीय व व्यावसायिक भवनों का निर्माण कराना होगा। इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से समय-समय पर लिखापढ़ी की जा रही है।

दो साल के भीतर 64 बार आ चुके हैं हल्के भूकंप:
आंकड़ों पर नजर डालें तो नई दिल्ली व आसपास के इलाकों में दो साल के भीतर कम तीव्रता वाले 64 भूकंप दर्ज किए गए हैं। इन सभी भूकंपों में से  56 भूकंपों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर चार से लेकर 4.9 तक दर्ज की गई थी। आठ भूकंप की तीव्रता पांच से अधिक थी ।

भूकंप विज्ञानियों की मानें तो नई दिल्ली व आसपास के इलाकों में हो रही भूगर्भीय हलचल के चलते स्ट्रेन एनर्जी में बदलाव हो रहा है। इसकी वजह से इस इलाके में बड़े भूकंप आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। अधिक तीव्रता का विनाशकारी भूकंप कब आएगा, इसकी कोई सटीक जानकारी फिलहाल भूकंप विज्ञानियों के पास नहीं है।

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