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उत्तराखंड सरकार ने वर्ग तीन और वर्ग चार पर काबिज लोगों को मालिकाना हक देने का आदेश जारी कर दिया है।

कुछ समय पहले ही मंत्रिमंडल ने इसकी अनुमति दी थी। राजस्व सचिव सुशील कुमार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक वर्ग चार की भूमि के अवैध कब्जाधारकों को भूमिधरी का अधिकार दिया गया है।

30 जून 1983 या इससे पूर्व के वर्ग तीन के कब्जाधारकों को यह अधिकार दिया गया है। शासनादेश एक साल के लिए जारी किया गया है और इसमें सर्किल रेट के आधार पर दरें भी तय कर दी गई हैं।
इसी के साथ आसामी के रूप में पट्टे पर ली गई वर्ग चार की जमीन के मालिकाना हक का आदेश भी सोमवार को राजस्व सचिव सुशील कुमार ने जारी किया। यह आदेश जारी होने से वर्ग तीन और चार की भूमि पर लंबे समय से काबिज कई लोगों को राहत मिलेगी। ऐसे मामले प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में अधिक हैं।

लालकुंआ के लिए भी आदेश जारी:
शासन ने सोमवार को ही नगर पंचायत लालकुंआ में भी अवैध कब्जाधारकों को 2004 के सर्किल रेट के आधार पर कब्जा देने का आदेश जारी कर दिया है। लालकुआं में इस तरह की करीब 52.71 हेक्टेयर भूमि हैं। इनकों भी भूमिधरी का अधिकार दे दिया गया है। 

यह हैं वर्ग चार के लिए दरें:
– 100 वर्ग मीटर तक की भूमि के लिए 2004 का सर्किल रेट का पांच प्रतिशत।
– 200 वर्ग मीटर तक की भूमि के लिए 2004 का सर्किल रेट लिया जाएगा।
– 400 वर्ग मीटर तक की भूमि के लिए 2004 के सर्किल रेट का दस प्रतिशत।
– 400 वर्ग मीटर से अधिक भूमि के लिए 2004 के सर्किल रेट से 25 प्रतिशत अधिक।
– जलमग्न, चकमार्ग, गूल, खलिहान, शमशान घाट, कब्रिस्तान, चारागाह आदि भूमि पर कब्जों को यह अधिकार नहीं दिया जाएगा।
– 3.125 एकड़ से अधिक के प्रस्ताव शासन को अनुमति के लिए भेजे जाएंगे। 

यह है वर्ग तीन और लालकुआं के लिए दरें:
– 100 वर्ग मीटर तक की भूमि के लिए 2004 का सर्किल रेट का पांच प्रतिशत।
– 200 वर्ग मीटर तक की भूमि के लिए 2004 का सर्किल रेट लिया जाएगा।
– 400 वर्ग मीटर तक की भूमि के लिए 2004 के सर्किल रेट का दस प्रतिशत।
– 400 वर्ग मीटर से अधिक भूमि के लिए 2004 के सर्किल रेट से 25 प्रतिशत अधिक।

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