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पंत विवि को और ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए विवि प्रशासन दृढ़ संकल्प है।

पढ़ाई में कमजोर छात्रों को अलग से पढ़ाने के लिए विवि ने रीमेडियल क्लासेज तैयार किए हैं। इसके माध्यम से देश के जाने माने संस्थानों में उच्च पदों पर तैनात विवि के पुरातन छात्र व पीएचडी करने वाले छात्र ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। इसे लेकर छात्र काफी उत्साहित हैं।

कोरोना काल में भी गोविद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि छात्रों का भविष्य संवारने में जुटा है। विवि में करीब 4500 छात्र पंजीकृत हैं। विवि के करीब पांच सौ ऐसे छात्र हैं, जो पढ़ाई में थोड़ा कमजोर है। इन्हें पढ़ाई में और बेहतर किया जा सके, इसके लिए राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना ने 60 दिन की रीमेडियल क्लासेज तैयार किए हैं। अलग-अलग विषय को संबंधित एक्सपर्ट तैयार किए हैं। छात्रों को पढ़ाने के लिए विवि के उन 50 छात्रों का चयन किया गया है, जो देश के विभिन्न उच्च संस्थानों में उच्च पदों पर आसीन है या जेआरएफ या एसआरएफ के तहत पीएचडी कर रहे हैं। इसी क्रम में आस्टिन टेक्सास यूएसए के नितिन सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एंड इंजीनियरिग ऑफिस ज्यूरिख, स्विट्जरलैंड के निदेशक दीप अग्रवाल व मेलबोर्न आस्ट्रेलिया में तैनात योगेश भट्ट भी छात्रों को ऑनलाइन समय समय पर पढ़ाते रहते हैं। शाम चार से सात बजे तक कक्षाएं संचालित होती हैं। इसका स्क्रीन कंट्रोल नाहेप भवन से होता है। कुलपति डाक्टर तेज प्रताप कृषि महाविद्यालय के डीएन डाक्टर शिवेंद्र कुमार कश्यप व अन्य शिक्षकों के साथ ऑनलाइन कक्षाओं की समीक्षा भी करते हैं। छात्रों को तैयार कोर्स के साथ विदेश में शिक्षा लेने योग्य बनाने व प्रतियोगिता से जुड़ी शिक्षा भी देते हैं। रीमेडियल कोर्स 15 दिन से संचालित हैं। विवि के इस तरह के इनोवेशन से छात्र के साथ पढ़ाने वाले पुरातन छात्र भी उत्साहित हैं। इस पहल की सराहना भी कर रहे हैं।

यह हैं पाठ्यक्रम:
जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिग, कीट विज्ञान विषय, उद्यान एवं सब्जी विज्ञान, एक्टेंशन एंड इकोनॉमिक्स, एग्रीकल्चर एंड एक्वेटिक इंवायरमेंट मैनेजमेंट, फिश हार्वेस्ट एंड प्रॉसेसिग टेक्नोलॉजी एंड फिशरी रिर्सोसेस मैनेजमेंट, फूड्स एंड न्यूट्रिशन एंड क्लॉथिग एंड टेक्साइल्स, पशुपालन विज्ञान, एनिमल साइंस, जैव तकनीकी और जैव रसायन एंड प्लांट फिजियोलॉजी विषय।

– विवि ने 60 दिन की रिमेडियल क्लासेज तैयार किए हैं। कक्षाएं शुरू हो गई हैं। इन कक्षाओं का करीब 500 छात्र लाभ उठा रहे हैं। छात्रों का भविष्य संवारने को विवि काफी प्रयासरत है।
-डाक्टर शिवेंद्र कुमार कश्यप, डीन, कृषि महाविद्यालय

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