आखिरकार सरकार ने पत्रकारों की मांगे पूरी की, उत्तराखंड के पत्रकार हुए खुश
पिछले साल दो साल से उत्तराखण्ड के सूचना एवं लोकसम्पर्क विभाग द्वारा स्थानीय वेबसाईटों को सूचीब़़द्ध ना करने के कारण वेबपोर्टलों के पत्रकारों द्वारा आठ दिन तक चलने वाले आन्दोलन के उपरान्त सूचना विभाग ने आज विज्ञापन जारी कर दिया गया है। उक्त विज्ञापन के द्वारा श्रेणी ’क’ ’ख’ व ’ग’ में वेबसाईटों को विज्ञापन हेतु सूचीब़द्ध किये जाने से संबंधित निविदा प्रस्ताव मॉगा गया है। उक्त निविदा प्रस्ताव दिनांक 05 अगस्त 2019 से दिनांक 25 अगस्त 2019 तक मॉगे गये हैं। तकनीकि एवं वित्तीय प्रस्ताव अलग अलग सीलबंद लिफाफे में विभाग में दिनांक 25 अगस्त 2019 को सांय 04 तक जमा किया जाना है। दिनांक 27 अगस्त 2019 को यह निविदाये खोली जायेगी।
पत्रकारों द्वारा लामबंद होने के बाद सूचना एवं लोकसम्पर्क विभाग को कसरत करनी पड़ी और वेबपोर्टलों के हित में यह विज्ञापन जारी करना पड़ा। जैसा कि मॉगों को लेकर आठ दिन तक चलने वाले आदोंलन को कल शुक्रवार को वरिष्ठ पत्रकार संजीव पंत ने आमरण अनशन शुरू कर दिया था, मॉगे माने जाने पर के बाद अपर निदेशक सूचना, डॉ अनिल चंदोला ने श्री पंत को जूस पिलाकर उनका आमरण अनशन समाप्त करवाया। मॉगे मानी जाने एवं आज विज्ञापन जारी होने पर पत्रकार संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने इस विषय पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि जब लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ ही अपने अधिकारों से बंचित हो जाये तो उन्हें भी आन्दोलन की राह पकड़नी पड़ती है और अपने अधिकारों को प्राप्त करना पड़ता है।