शिवसेना के विधायक पर लगाया 6 एयरलाइन ने प्रतिबंद , एयरलाइन के कर्मचारी से की थी बत्तमीजी

एयर इंडिया के बाद इंडिगो ने भी शिवसेना के सांसद रविन्द्र गायकवाड का दिल्ली से पुणे लोटने का टिकेट कैंसिल कर दिया है.गायकवाड ने एयर इंडिया के ड्यूटी मेनेजर से मारपीट की थी और उनको २५ बार सेंडल से मारा,जिस से उन पर 6 एयरलाइन ने प्रतिबंद लगा दिया है. गायकवाड का कहना है की उनको इस बात का कोई अफ़सोस नहीं और वो किसी से कोई माफ़ी नहीं मांगेंगे. और साथ में उन्होंने कहा की उनको थोडा सा तनाव हुआ था पर उसके बाद वो बद्रीनाथ की दुल्हनिया मूवी देखने चले गए और काफी रिलैक्स हुए.
पार्टी ने कहा उनको किसी भी तरह का विवाद पसंद नहीं…..
– एयर इंडिया ने शिवसेना को फ़ोन करके कहा है की वो गायकवाड का return टिकट कैंसिल कर रहे है तो वो उनको बता दे की वो एयर इंडिया से वापस न जाय, हम उनको वापस जाने की टिकट नहीं दे सकते क्यूंकि उनके सभी कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं. पार्टी ने कहा की वो उनको बता देंगे की आज वो फ्लाइट से वापस न आयें.
-गायकवाड ने अपना return टिकट एयर इंडिया से शाम 4 बजे का बुक किया था लेकिन एयर इंडिया ने इसे कैंसिल कर दिया फिर गायकवाड ने इंडिगो से अपना टिकट बुक किया लेकिन इंडिगो ने भी उनका टिकट कैंसिल कर दिया.
6 एयरलाइंस ने लगाया बैन
– सभी फ्लाइट मालिकों ने कहाँ है की वो गायकवाड पर बैन लगाने की तेयारी कर रहे है.
– अब गायकवाड को 6 एयर लाइन्स ने बैन कर दिया है.
– वहीँ गायकवाड ने कहा की में किसी भी हाल में माफ़ी नहीं मांगूंगा और किस बात की माफ़ी मेने क्या किया है, गलती उनकी है वो मुझसे माफ़ी मांगे, उन्होंने कहा की मेरी return टिकट बुक है और मैं उसी से वापस जाऊंगा लेकिन जब उनसे पूछा गया की अगर एयर इंडिया ने उनकी टिकट कैंसिल की तो क्या होगा तो वो बोले केसे कैंसिल कर देंगे में उनका पैसेजर हूँ. हमारे वकील देख लेंगे , हमारे उद्दव साहब देख लेंगे.
स्पीकर क्या बोली इस मामले पर
– लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा, ”यह घटना संसद के बाहर हुई है। हम इसके डिटेल्स देखेंगे और उसके बाद कम्प्लेंट पर कदम उठाएंगे। एक मां के तौर पर मैं बच्चों को किसी के साथ बुरा बर्ताव करने की शिक्षा नहीं देती हूं।”
फिर कैसे वापस गए गायकवाड
6 एयरलाइन्स के बैन करने पर शिवसेना सांसद गायकवाड को काफी भारी पड़ा उनको किसी भी एयरलाइन ने दिल्ली से पुणें जाने की फ्लाइट टिकट नहीं दी, फिर उनको मजबूरन अगस्त क्रांति ट्रेन से पुणें जाना पड़ा.