भगवान शंकर आश्रम ने मेरा पौधा, मेरा जीवन अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण किया प्रारंभ।

मसूरी : आर्यम इंटरनेशनल फाउंडेशन, के तत्त्वावधान में संचालित भगवान शंकर आश्रम द्वारा वर्ष 2024 के लिए मेरा पौधा, मेरा जीवन अभियान के अंतर्गत विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण शुरू किया गया। मसूरी वन प्रभाग के सहयोग से ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर 51 पौधे रौंपे गये।

ट्रस्ट की अधिशासी प्रवक्ता माँ यामिनी श्री के अनुसार ट्रस्ट के अध्यक्ष और आश्रम के मुख्य अधिष्ठाता परमप्रज्ञ जगतगुरु प्रोफ़ेसर पुष्पेन्द्र कुमार आर्यम जी महाराज के सानिध्य में यह अभियान गत आठ वर्षों से संचालित है। गत वर्ष 3100 पौधें रोपे गए थे। उसी अभियान को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष भी 5100 पौधें रोपने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पहले दिन आश्रम परिक्षेत्र में बॉटल ब्रश एवं नूपुर जैकराँडा, गोल्डन साइप्रस ,बाँझ, बुराँस आदि के पौधें गुरुदेव के सानिध्य में मंत्रोच्चार के मध्य रौंपे गए।

आर्यम जी महाराज ने स्पष्ट किया कि आज के समय में बढ़ते तापमान को केवल पेड़ पौधे ही रोक सकते है। हम सभी को जितने वर्ष के हैं उसके पहले अंक के अनुसार प्रतिवर्ष पौधे लगाकर तीन वर्ष तक उसकी सक्रिय देखभाल करनी चाहिए। वृक्ष केवल हमें ताजी हवा, बारिश, फल और फूल ही नहीं देते हैं  अपितु हमारी वाणी और विचार को शुद्ध कर हमारा जीवन प्रीतिकर बनाते हैं। वृक्ष लगाने वाला व्यक्ति हमेशा शांति और खुश मिलेगा। इसके साथ गुरुदेव ने स्पष्ट किया कि एक पौधा जब तक वृक्ष नहीं बन जाता, तब तक उसकी देखभाल करना भी आपका ही कर्तव्य है। आज से शुरू हुआ यह अभियान 19 अगस्त श्रावण पूर्णिमा तक चलेगा। गुरुदेव श्री आर्यम ने सभी देश वासियों से अपने अपने क्षेत्र में पौधा लगाने और उसकी देखरेख की अपील की है। आश्रम द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी रुद्राक्ष, बिल्वपत्र एवं कपूर के पौधें इच्छुक लोगों को उनके घरों पर लगाने के लिए गमले में लगाकर निःशुक्ल प्रदान किए जा रहे हैं।

आश्रम द्वारा संचालित गुरुदेव श्री आर्यम जी महाराज के इस अभियान में, ज्ञान सिंह तोमर, वन दरोगा पूरण सिंह रावत, वन आरक्षी राहुल सिंह चौहान, हरेंद्र सिंह, भीम सिंह रावत, सुनील कुमार आर्य राकेश रघुवंशी, संध्या रघुवंशी, हरमन सिंह बग्गा के अलावा आश्रम प्रबंधन की ओर से उत्कर्ष सिंह ,प्रतिभा आर्य, रमन सिंह, हर्षिता आर्यम आदि का सहयोग रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *