कैंडी क्रश – एक ज्वलंत समस्या
दोस्तों आज के समय में बहुत से लोग एक समस्या से ग्रसित हैं जिसका नाम है कैंडी क्रश।
लोग इसे समस्या कम और खेल ज्यादा मानते हैं।लेकिन क्या यह सही है ? जिसे देखो वही कैंडी के फेर में फंसा हुआ है।
सुबह से शाम तक कैंडी कैंडी। घर में देखो तो कैंडी, ऑफिस देखो तो कैंडी, और कुछ लोग तो इतने ज्यादा कैंडी क्रश के दीवाने हैं कि पाख़ाना भी जाते हैं तो मोबाईल लेके और कैंडी खेलने लगे रहते हैं।
कुछ समय बाद जब पुनः भारत के इतिहास का वर्णन होगा तब भारत के इतिहास में पाषाण काल, वैदिक काल, आधुनिक काल के साथ साथ कैंडी क्रश काल भी आवश्यक रूप से जुड़ना चाहिए। अगर वर्तमान काल को कैंडी क्रश काल भी कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी । कैंडी क्रश के प्रति दीवानगी इस काल को कैंडी क्रश काल कहने को मजबूर कर देता है।
कोई भी ब्यक्ति मोबाइल खरीदे और उसमें कैंडी क्रश न डाले शायद ही संभव है। कैंडी के प्रति इतनी दीवानगी ये फेसबुक के जरिये पता चल जाती है । जब भी फेसबुक खोलो तो ४ से ६ रिक्वेष्ट अवश्य ही दर्शनीय होती हैं।
आज के युग की इस ज्वलन्त समस्या पर कुछ पंक्तियाँ हास्य के रूप में आप सभी के समक्ष उपस्थित हैं –
चलो कैंडी क्रश खेलते हैं
सबको परेशान करते हैं चलो कैंडी क्रश खेलते हैं
फेसबुक पर रिक़्वेष्ट भेजें लाइफ की आस जगाएं
कैंडी क्रश का खेल सजाएँ
टाइम बर्बाद करते हैं चलो कैंडी क्रश खेलते हैं
मेहमानों का क्या है वो कल भी आ सकते हैं
लाइफ मिलने में टाइम लगेगा
चलो कैंडी क्रश खेलते हैं
ये संसार सब मोह माया है इससे दूर होते हैं
मोबाइल लेके कोने में चलो कैंडी क्रश खेलते हैं
जो कहते हैं ये बैठा है हर दिन हर क्षण मोबाइल में
वो क्या जाने दिन गुजरे हैं एक एपिसोड भुनाने में
सारी दुनियाँ एक तरफ करते हैं
चलो कैंडी क्रश खेलते हैं
एक एपिसोड को खोलने में लगती हैं तीन रिक़्वेष्ट
लोग भी न जाने क्यूँ तरह तरह की बातें करते हैं
चलो कैंडी क्रश खेलते हैं
कैंडी क्रश को खेलने को नहीं है टाइम की बंदिश
रिक़्वेष्ट भेजो लाइफ मिलेगी जब तक मर्जी खेलो
खेलों में हार का ठीकरा सरकार पर फोड़ते हैं
चलो कैंडी क्रश खेलते हैं
क्या रखा है हॉकी, कुस्ती, बैटमिन्टन के खेलों में
ये तो सब मेहनत है हम तो बस आराम करते हैं
चलो कैंडी क्रश खेलते हैं
मेहनत के खेलों में जाने कितने पचड़े होते हैं
खेलों में हैं पदक से चूके उनको जीत दिखाते हैं
चलो कैंडी क्रश खेलते हैं
दिल भी कैंडी, दिमाग है कैंडी
घरवर ऑफिस सब है कैंडी
सबके दिलों में खेल जगाते हैं
चलो कैंडी क्रश खेलते हैं
चौरासी का फेरा लेके फिर मानव जीवन मिलता है
अब न जाने कितने चक्कर में फिर जीवन मिलता है
इस जीवन को सफल बनाते हैं
चलो कैंडी क्रश खेलते हैं
नीरज फोन्दणी “पहाड़ी”