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आने वाले सत्र में उत्तराखंड सरकार की ओर से लोकलुभावन नई योजनाओं को लेकर आने के संकेत भी हैं।

सोमवार को मंत्रिमंडल के सामने पूंजी खाते के लिए सरकार ने करीब दो हजार करोड़ रुपये की मांग कर यह संकेत दिया गया है। 

इस बार के बजट में सरकार ने योजनाओं के लिए 7382 करोड़ रुपये की जरूरत का अनुमान लगाया था। पूंजी खाते से ही करीब 3500 करोड़ रुपये का कर्ज सरकार ने देना तय किया था। इसी खाते में अब सरकार ने करीब दो हजार करोड़ रुपये का खर्च और करने का इरादा जताया है। यह भी तब है जब सरकार अगले बजट से कुछ कदम ही दूर है।

साफ है कि सरकार कुछ बड़े खर्च की योजना भी बना रही है। माना जा रहा है कि चुनावी साल होने की वजह से सरकार पर अब दबाव ऐसी योजनाओं का भी है जो लोकलुभावन भी हों और जिनका चुनाव के समय में इस्तेमाल किया जा सके। वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, सौर स्वरोजगार योजना आदि का विस्तार करने की कोशिश भी की जा रही है।

सीएम स्वरोजगार योजना को सरकार व्यापक स्तर पर आगे बढ़ाने की कोशिश कर भी रही है। इसी तरह की कुछ और नई योजनाओं को इस बार 21 सितंबर से शुरू हो रहे सत्र में सामने लाया जा सकता है। इसी तरह सर पर आ गए कुंभ के लिए भी अतिरिक्त बजट की व्यवस्था सरकार कर सकती है। पूर्व में सरकार ने कुंभ पर चार हजार करोड़ रुपये खर्च करने का इरादा जताया भी था।

कर्ज के मोर्चे पर राहत, मिली खर्च की गुंजाइश:
जीएसटी की प्रतिपूर्ति लगातार होने के कारण अब कर्ज के मोर्चे पर सरकार बहुत हद तक राहत भी महसूस कर रही है। बजट में सरकार ने करीब 7500 करोड़ के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया था। अक्तूबर तक यह घाटा करीब 1500 करोड़ रुपये तक पहुंचा। अक्तूबर तक सरकार के आय के स्रोत भी बहुत हद तक पटरी पर आ गए दिखने लगे थे। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में करीब 7500 करोड़ रुपये के उधार का अनुमान लगाया था। अक्तूबर तक इसमें केवल 1500 करोड़ रुपये ही उधार लिया गया।

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