कुदरत के कहर से अकेला हो गया मासूम, जिन्दा दफ़न हो गए माँ बेटा
उत्तराखंड के टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक की नैलचामी पट्टी के थार्ती गांव के ऊपर बादल फटने से घर के अंदर सो रहे मां और बेटा जिंदा दफन हो गए। मलबे में दबी एक लड़की को घायल अवस्था में बाहर निकाल लिया गया है। स्थानीय लोगों ने चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मलबे में दबे शवों को बाहर निकाला। बादल फटने से थार्ती, बडियार गांव, तितराणा, चकरेणा, होल्टा, ठेला, मल्याकोट, मल्ड, महड़ और बेहड़ा गांव के संपर्क मार्ग, पेयजल लाइन, सिंचाई नहरें और सैकड़ों हेक्टेयर कृषि भूमि तबाह हो गई है।
बृहस्पतिवार रात को हुई बारिश के दौरान थार्ती गांव के ऊपर सौड़ नामे तोक में देर रात लगभग 12.30 बजे बादल फटने से शंकर सिंह बुटोला का मकान मलबे की चपेट में आ गया। बादल फटने और गांव के समीप बह रहे नैलचामी गदेरे के उफान का शोर सुनकर घर के अंदर सो रहे परिवार के मुखिया शंकर सिंह बुटोला, उनकी पत्नी बचनदेई और पोती स्नेहा बाहर आ गए।
लेकिन दूसरे कमरे में सो रही उनकी पुत्र वधू मकानी देवी, पोती सपना और पोता सुरजीत बाहर आने से पहले ही मलबे में दब गए। पोती सपना भी बाहर आते ही मलबे में फंस गई, लेकिन ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत कर ढाई घंटे बाद उसे मलबे से निकालकर बचा लिया।
बारिश कम होने पर रात डेढ़ बजे ग्रामीणों ने बादल फटने की सूचना आपदा कंट्रोल रूम को दी, लेकिन मूलगढ़-ठेला-थार्ती मोटर मार्ग का 50 मीटर हिस्सा नैलचामी गदेरे में बह जाने से एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीम सुबह 8.30 बजे तक थार्ती गांव पहुंच पाई।
रेस्क्यू टीम ने शुक्रवार सुबह लगभग 9.30 बजे मलबे में दबी मकानी देवी (35) पत्नी सुमन बुटोला और उसके बेटे सुरजीत सिंह (7) के शव बाहर निकाले। मृतकों का घटना स्थल पर ही पोस्टमार्टम किया गया। अपराह्न बाद दिवंगत मां-बेटे का नैलचामी में अंतिम संस्कार किया गया। विधायक शक्ति लाल शाह, डीएम डा.वी षणमुगम, एसएसपी डा.योगेंद्र सिंह रावत, एडीएम शिवचरण द्विवेदी ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया। विधायक ने प्रभावित परिवारों को शीघ्र ही आर्थिक सहायता राशि देने के निर्देश दिए है।