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अभी तक पदोन्नति पा चुके करीब 125 शिक्षकों ने दुर्गम में तैनाती नहीं दी है। 

प्रदेश के सुगम स्कूलों में तैनात कतिपय शिक्षकों को प्रमोशन तो चाहिए, लेकिन बगैर कुर्सी से हिले। वे सुगम के इस कदर मोह में हैं कि पदोन्नति होने के बावजूद पहाड़ चढ़ने को तैयार नहीं है। अभी तक पदोन्नति पा चुके करीब 125 शिक्षकों ने दुर्गम में तैनाती नहीं दी है। 

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक से लेक्चरर के पद पर शिक्षकों के प्रमोशन हुए थे। इस वर्ष अक्तूबर में शिक्षकों की शिक्षा निदेशालय में काउंसिलिंग हुई। जिसके बाद अधिकतर प्रमोशन पाने वाले शिक्षकों की विभाग की ओर से प्रदेश के दुर्गम और अति दुर्गम स्कूलों में तैनाती की गई थी। विभाग की ओर से 28 अक्तूबर को जारी आदेश में कहा गया था कि प्रमोशन पाने वाले शिक्षकों को 15 दिन के भीतर नए तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करना होगा। 

तय समय पर कार्यभार ग्रहण न करने पर उनका प्रमोशन निरस्त माना जाएगा। शिक्षा निदेशालय के आदेश के बाद 9 नवंबर को अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा रामकृष्ण उनियाल की ओर से एक बार फिर आदेश जारी किया गया कि जिन शिक्षकों ने प्रमोशन के बाद नए तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया उन्हें इसके लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाता है।

इस बीच यदि उन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया तो उनका प्रमोशन खुद ही निरस्त समझा जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इसके बाद भी अब तक 125 से अधिक प्रमोशन पाने वाले शिक्षकों ने नए तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इसमें से कुछ शिक्षक अपनी पसंद के स्कूलों में तैनाती के लिए शासन के चक्कर लगा रहे हैं।

प्रिंसिपल कर रहे प्रमोशन आदेश में संशोधन की मांग:
शासन ने हाल ही में प्रधानाध्यापक से प्रिंसिपल के पद पर प्रमोशन किए थे, लेकिन प्रमोशन पाने वाले 50 फीसदी प्रिंसिपल ने पहाड़ के दूरदराज के स्कूलों में तैनाती मिलने की वजह से अब तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया जो प्रमोशन आदेश में संशोधन के लिए शासन के चक्कर लगा रहे हैं।

विभाग में सहायक अध्यापक से लेक्चरर के पद पर प्रमोशन पाने वाले 125 शिक्षकों ने आदेश के बाद भी अब तक नए तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया। तय समय पर कार्यभार ग्रहण न करने वाले शिक्षकों का प्रमोशन खुद ही निरस्त समझा जाएगा। – भूपेंद्र नेगी, संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा

शासन की ओर से बीमार और 55 साल से अधिक उम्र के प्रधानाचार्यों के पहाड़ के दूरदराज के स्कूलों में प्रमोशन कर तैनाती के आदेश किए गए है ।जिसमें संशोधन कर इनकी सुगम स्कूलों में तैनाती दी जानी चाहिए। वहीं कार्यभार ग्रहण करने के लिए उन्हें 31 मार्च 2021 तक का समय दिया जाना चाहिए। 
– एसएस बिष्ट, प्रांतीय अध्यक्ष राजकीय प्रधानाचार्य एसोसिएशन

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