Unlock 5.0: पवित्र नदी गंगा में स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे।

उत्तराखंड में आवागमन की छूट के साथ शर्तों में ढिलाई देने पर प्रदेश में यात्रियों का आवागमन शुरू हो गया है। हालांकि हरिद्वार में अधिकांश यात्री अपने निजी वाहनों से आए, अधिकांश संख्या दो पहिया वाहनों की रही, लेकिन इससे धर्मनगरी के व्यवसायियों के चेहरे पर व्यवसाय चलने की मुस्कान नजर आई। होटल और रेस्टोरेंट में भी रौनक रही।

लॉकडाउन होने के बाद से हरिद्वार में कई बड़े आयोजन हुए, लेकिन धर्मनगरी की रौनक में कोई असर नहीं हुआ। सितंबर महीने के तीसरे सप्ताह में पितृपक्ष की अमावस्या के दौरान भी अच्छी खासी भीड़ रही, लेकिन ये यात्री पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के थे।
मात्र दिन का आवागमन करने के चलते होटल, धर्मशालाएं और आश्रम सूने ही दिखाई दिए, लेकिन अब अक्तूबर महीने के प्रथम सप्ताह में दो अक्तूबर गांधी जयंती के साथ शनिवार और रविवार का अवकाश होने के चलते अन्य प्रदेशों के यात्री हरिद्वार पहुंच गए। यहां पर रुके और भी अगली यात्राओं के लिए रवाना हुए। होटलों में बंद पड़े कमरे खुले और यात्री ठहरे।

बाजारों में भी लौटी रौनक:
यात्रियों के आने से रेस्टोरेंट आदि के साथ बाजारों की रौनक लौटती नजर आई। व्यापारी नेता कैलाश केसवानी, सरेश गुलाटी, संजीव नैयर, सुनील तलवार, राजीव तुंबडिया आदि ने बताया कि नियमों में ढिलाई देने से प्रदेश का चारधाम और धर्मनगरी की आबोहवा फिर से दुरुस्त हो जाएगी।

केदारनाथ और बदरीनाथ के लिए रवाना हुए:
हरिद्वार के ट्रेवल व्यवसायियों की बुकिंग तो ज्यादा नहीं हुई, केवल सात से 10 ही टूर चारधाम यात्रा के लिए रवाना हो सके। हरिद्वार ट्रेवल एसोसिएशन के महामंत्री सुमित श्रीकुंज ने बताया कि यात्रियों के आने से चारधाम यात्रा के लिए यात्री आएंगे तो बाजार में व्यापारियों का व्यापार भी चलेगा। उन्होंने बताया कि अन्य प्रदेशों के साथ जनपद हरिद्वार के यात्री भी चारधाम यात्रा के लिए रवाना हुए। अधिकांश यात्री केदारनाथ और बदरीनाथ के लिए रवाना हुए हैं।

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