उत्तराखंड न्यूज़ताज़ा ख़बरें

राज्य विश्वविद्यालयों को स्थानीय जरूरतों और समस्याओं के निदान को ध्यान में रखकर शोध कार्यों को प्रोत्साहित करना होगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालयों को स्थानीय जरूरतों और समस्याओं के निदान को ध्यान में रखकर शोध कार्यों को प्रोत्साहित करना होगा। सचिवालय में मंगलवार को उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालयों से आत्मनिर्भर भारत अभियान में सहयोग के लिए आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को स्थानीय जनजीवन के अनुकूल सामुदायिक विकास से जुड़े विषयों पर शोध को तवज्जो देनी होगी। आजीविका के संसाधनों में वृद्धि, खेती समेत क्षेत्रीय आवश्यकताओं व जन हितों से उन्हें जुडऩा चाहिए।

उन्होंने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार के कुलपति से आउटपुट के बजाय आउटकम पर ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने आसपास के 10 गांवों के विकास पर ध्यान देगा, तो इसका फायदा अन्य गांवों को भी होगा। परंपरागत उत्पादों को बढ़ावा देने और उनकी मार्केटिंग के लिए विश्वविद्यालय को आगे आना होगा।

उन्होंने कहा कि राज्य में जड़ी-बूटी का प्रचुर भंडार है। इसके कृषिकरण की दिशा में भी पहल होनी चाहिए। विश्वविद्यालयों की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देकर स्थानीय व्यक्तियों को लाभान्वित करें। उन्होंने उदाहरण दिया कि जनरल थिमैया की पुत्री कौसानी में बिच्छु घास की चाय का व्यवसाय कर रही हैं। इसी तरह स्थानीय व्यक्तियों को आत्मविश्वास के साथ काम करना होगा। बैठक में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत, विधायक दीवान सिंह बिष्ट, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव आनंद बद्र्धन, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति व अधिकारी मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Warning: Undefined variable $var_ca82733491623ed9ca5b46aa68429a45 in /home/kaizenin/worldnewsadda.com/wp-content/themes/colormag/footer.php on line 132