देहरादून शहर में अगले हफ्ते से अवैध कब्जों के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू होगी।

देहरादून शहर में अगले हफ्ते से अवैध कब्जों के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू होगी। शासन ने जिलाधिकारी और नगर निगम के नगर आयुक्त को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। नगर आयुक्त अवैध कब्जेदारों के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी करेंगे। इसके बाद अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू हो जाएगा। दोनों अधिकारियों को अवैध कब्जे हटाने के लिए टास्क फोर्स गठित करने को कहा गया है।

राजधानी में चिन्हित स्थानों पर अतिक्रमण हटाए जाने के मुद्दे पर एक अहम बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने की। बैठक में सचिव शहरी विकास, सचिव लोनिवि, देहरादून के जिलाधिकारी व नगर निगम के नगर आयुक्त मौजूद थे। अब तक चले अतिक्रमण अभियान की समीक्षा की गई।
तय हुआ कि अगले हफ्ते से शहर में चिन्हित अतिक्रमण के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होगी। इसके लिए जिलाधिकारी व नगर आयुक्त की जिम्मेदारी तय की गई। नगर आयुक्त को ताकीद किया गया कि वे चिन्हित स्थलों पर अवैध कब्जेदारों के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी करेंगे। 

अब तक ये हुई है कार्रवाई:
8700 अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे देहरादून शहर में
7200 अवैध कब्जे हटाने का दावा कर रहा है शासन
1479 स्थानों से अतिक्रमण हटाया जाना अभी बाकी है
सीएस और सचिव लोनिवि पर लटकी अवमानना की तलवार
देहरादून में अतिक्रमण हटाने के मामले में मुख्य सचिव और सचिव लोनिवि पर न्यायालय की अवमानना की तलवार लटक गई है। न्यायालय के आदेश पर ही शासन ने शहर से अवैध कब्जे हटाने के आदेश दिए थे। न्यायालय के आदेश पर शहर में करीब 8700 अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे। इन्हें हटाने का अभियान चला।

निकाय चुनाव से ठीक पहले अभियान थम गया। जनहित याचिका पर न्यायालय ने शासन को चार हफ्ते में अतिक्रमण हटाने को कहा था। लेकिन अब चिन्हित स्थानों पर अतिक्रमण बाकी है। इसे लेकर कुछ लोगों ने न्यायालय अवमानना याचिका दायर की। न्यायालय ने मुख्य सचिव और सचिव लोनिवि को अवमानना नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक हुई है। इस बैठक में निर्णय लिया गया है कि नगर आयुक्त चिन्हित अतिक्रमण को स्वत: हटाने के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी करेंगे और इसके बाद प्रशासन इसे हटाने की कार्रवाई शुरू कर देगा। देहरादून के जिलाधिकारी और नगर आयुक्त की जिम्मेदारी तय की गई है। 
– शैलेश बगौली, सचिव, शहरी विकास विभाग

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