सिविल सेवा परीक्षा: दून में 59 फीसद अभ्यर्थी परीक्षा में गैरहाजिर रहे।

संघ लोक सेवा आयोग ने रविवार को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया। दून में 59 फीसद अभ्यर्थी परीक्षा में गैरहाजिर रहे। अभ्यर्थियों का कहना है कि पेपर गत वर्षों की तुलना में मुश्किल व समय लेने वाला था। उनके मुताबिक पेपर-1 फैक्चुअल नहीं कॉन्शेप्चुअल ज्यादा था। सीसैट को अभ्यर्थियों ने उम्मीद के मुताबिक और संतुलित बताया है।

दून में परीक्षा के लिए 53 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। पहला पेपर सामान्य अध्ययन और दूसरा सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूट टेस्ट (सीसैट) का हुआ। अपर जिलाधिकारी वित्त और राजस्व बीर सिंह बुदियाल के मुताबिक परीक्षा केंद्रों पर शारीरिक दूरी एवं मास्क का पूरा ख्याल रखा गया। वहीं थर्मल स्क्रीनिंग के बिना अभ्यर्थियों को केंद्र में अंदर नहीं जाने दिया गया। उन्होंने बताया कि परीक्षा के लिए कुल 22791 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। पहली पाली में 13510 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। जबकि दूसरी पाली में 13647 ने परीक्षा छोड़ दी।

53 प्रतिशत के आसपास रहेगी कटऑफ:
प्रयाग आइएएस एकेडमी के निदेशक आरए खान के अनुसार इस बार परीक्षा में अधिकांश प्रश्न कॉन्शेप्चुअल थे। बहुत कम प्रश्न सीधे पूछे गए। उन्होंने बताया कि प्राचीन इतिहास, कला एवं संस्कृति, भारतीय राजनीति, भूगोल, पर्यावरण पर ज्यादा प्रश्न पूछे गए। इनमें प्राचीन इतिहास और कला एवं संस्कृति से जुड़े प्रश्नों ने न केवल अभ्यर्थियों को चौकाया, बल्कि मुश्किल में भी डाला। करेंट अफेयर्स के प्रश्न कोरोनाकाल नहीं बल्कि छह माह पहले तक के थे।
विज्ञान और तकनीकी, अर्थव्यवस्था से सवाल एप्लीकेशन बेस्ड थे और दुनियाभर में हाल के घटनाक्रमों को छुआ गया। राजनीति विज्ञान के प्रश्न पारंपरिक जबकि भूगोल के प्रश्न अधिकतर कृषि से थे। एमएसपी, कृषि खरीद और पर्यावरण के अनुकूल कृषि पद्धतियों पर प्रश्न पूछे गए। उनके अनुसार प्रश्न पत्र अपेक्षाकृत मुश्किल था, पर जिस किसी ने भी गहनता से अध्ययन किया है और धैर्यपूर्वक परीक्षा दी, उसे दिक्कत नहीं हुई होगी। जिस किसी भी अभ्यर्थी के 104-105 तक अंक आ जाएंगे, उसका पहला पड़ाव पूरा हो जाएगा। यानी कटऑफ 53 प्रतिशत के आसपास रहेगी।

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