मकान का नक्शा नहीं तो बीमा कवर भी नहीं
उत्तराखण्ड राज्य मे आपदा के जोखिम को कम करेने के लिए प्रस्तावित बीमा योजना मे राज्य के अधिकांश घर शामिल नहीं हो पाएंगे. बीमा कम्पनियों ने बिना नक़्शे के बने घरों का बीमा करने से इंकार कर दिया है.
कच्चे घरों के बीमा पर भी संकट है बीमा कम्पनियों ने कच्चे घरों के लिए बीमा प्रीमियम चार गुना ज्यादा रखने के संकेत दिए है.इस से आपदा विभाग की और से तेयार की जा रही यौजना को तगड़ा झटका लग सकता है विदित है की राज्य सर्कार आपदा के जोखिम को कम करने के लिए भूकंप के लिहाज से खतरनाक इलाकों मे भवनों के बीमा कराने की यौजना बना रही है इसके लिए सोमवार को ही देश की कई बीमा कम्पनियों के साथ बैठक हुई है.चर्चा के दोरान बीमा कम्पिनियौं के अधिकारियौं ने संकेत दिए कि बीमा केवल मानकों के आधार पर बने घरों का ही हो सकेगा इस से राज्य के अधिंकाश घर बीमा कवर से बहार हो जायेंगे.
हालाँकि उपसचिव आपदा संतोष बडोनी ने बताया की अभी इमा पालिसी को लेकर कम्पिनियौं के साथ पहले चरण की वार्ता हुई है कंपनियां बीमा के लिए कुछ शर्तें जरूर रखेंगी. फिलहाल कार्य यौजना तेयार हो रही है इसमें तकनिकी दिक्कतों का समाधान किया जायेगा.