केजरीवाल 70 में से 67 सीटें लाये तब EVM सही थी
केजरीवाल को EVM खराब लग रही है , ये वही केजरीवाल है जो इसी EVM से हुए चुनाव मै 70 में से 67 सीट लाये थे,तब केजरीवाल जी ने EVM के बारे में कुछ नहीं कहा सायद तब EVM मशीन ठीक थी.
आज देश के काफी बहुत सारे लोग EVM मशीन पर सवाल उठा रहे है क्या हम लोगों के अपनी देश की किसी भी व्यवस्था पर भरोशा नहीं रहा जो आज इस तरह की बातें होने लगी है या फिर लोगों के पास अब इसके अलावा बोलने को कुछ बचा नहीं है.
आज से पहले इस EVM पर किसी ने सवाल नहीं उठाये लेकिन आज जब बीजेपी 5 राज्यौं में से 2 राज्यों में पूर्ण बहुमत से आई तो ये बात उठने लगी, 1 बात मेरे समज में नहीं आ रही की अगर केंद्र सर्कार UP में लगी इतनी साडी EVM में गड़बड़ी क्र सकती है तो मणिपुर ,पंजाब और गोवा में क्यूँ एसा नहीं किया, यहाँ भी तो उसकी पूर्ण बहुमत से सरकार बन सकती थी.
में उप की ही बात करता हु जब अखिलेश यादव २०१२ में 224 सेटों के साथ पूर्ण बहुमत से आई तब क्यूँ एसा नहीं सोचा गया तब किसी ने एसा नहीं बोला.क्या आज मोदी के खिलाप सारी पार्टियाँ एक हो गयी जो सपा कभी कांग्रेस को और बसपा को चोर बुलाती थी आज उनके साथ मिलकर देश चलाने की बात कर रहे हें.
आज का युवा और लोग जागरूक होने लगे है तो जो लोग ये सोचते है की उनके सिर्फ बोलने से लोग यकीन कार लेंगे उनको इस बात का ध्यान रखना चाहिए.