उप-राष्टपति अंसारी की पत्नी सलमा बोली- तीन तलाक कहने से कुछ नहीं होता हैं
उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने तीन तलाक का विरोध करते हुए कहा कि कुरान में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ तीन बार ‘तलाक, तलाक, तलाक’ कहने से तलाक नहीं हो जाता। उन्होंने मुस्लिम महिलाओं से कुरान को पढने और समझने को कहा ताकि उन्हें मौलाना गुमराह न कर सकें। अल नूर चैरिटेबल सोसायटी की तरफ से चाचा नेहरू मदरसा में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आई अंसारी ने ये बातें पत्रकारों से बातचीत में कहीं।
तीन तलाक पर सलमा अंसारी ने कहा, कुरान पढ़ा है तो खुद ही उसका हल मिल जाएगा। कुरान में तो ऐसा कुछ भी नहीं लिखा है। इसको बेकार का मुद्दा बना रखा हैं । जिन्होंने कुरान नहीं पढ़ा उनको शायद ये मालूम ही नहीं है। बात ये है कि आप अरबी में कुरान पढ़ती हैं और ट्रांसलेशन तो पढ़ते नहीं हैं आप लोग। जो मौलाना ने कहा, मुल्ला ने कहा, उसे मान लिया।’
अंसारी ने कहा कि सबसे बड़ा रास्ता दिखाने वाला कुरान है और अगर आप कुरान नहीं पढ़ेंगे तो कोई भी आपको गुमराह कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘कुरान पढ़के देखिए, हदीस पढ़कर देखिए कि रसूल ने क्या कहा। मैं तो यह कहती हूं कि औरतों में इतनी हिम्मत होनी चाहिए कि खुद कुरान पढ़ें, उसके बारे में सोचें, उसके बारे में ज्ञान हासिल करें कि रसूल ने क्या कहा, शरीयत क्या कहता है। किसी को ऐसे ही फॉलो नहीं करना चाहिए।’
दरअसल पिछले कुछ समय से तीन तलाक का मुद्दा सुर्खियों में है। दिसंबर 2016 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तीन तलाक को ‘क्रूर’ बताते हुए इस मुद्दे को उठाया था कि क्या मुस्लिम महिलाओं को राहत देने के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ में संसोधन किया जा सकता है। हाई कोर्ट ने ‘तुरंत तलाक’ / तीन तलाक के रूप की आलोचना की थी।
सुप्रीम कोर्ट में भी तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह की वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं दाखिल हैं। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ 11 मई को समर वकेशन के दौरान इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इससे पहले 27 मार्च को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि मुस्लिमों में जारी इन प्रथाओं को चुनौती देने वाली याचिकाएं न्यायपालिका के दायरे से बाहर है।